अश्कों में रंग-ओ-बू-ए-चमन दूर तक मिले By Sher << मैं ने देखी है अमीर-ए-शहर... बा'द मरने के ठिकाने ल... >> अश्कों में रंग-ओ-बू-ए-चमन दूर तक मिले जिस दम असीर हो के चले गुल्सिताँ से हम Share on: