दिल लगाने को न समझो दिल-लगी By Sher << लोहे और पत्थर की सारी तस्... एक पत्थर कि दस्त-ए-यार मे... >> दिल लगाने को न समझो दिल-लगी दुश्मनों की जान पर बन जाएगी Share on: