एक पत्थर कि दस्त-ए-यार में है By Sher << दिल लगाने को न समझो दिल-ल... आँखों से वो कभी मिरी ओझल ... >> एक पत्थर कि दस्त-ए-यार में है फूल बनने के इंतिज़ार में है Share on: