फ़ज़ाएँ चुप हैं कुछ ऐसी कि दर्द बोलता है By Sher << लोगों को अपनी फ़िक्र है ल... तेरा अंदाज़ निराला सब से >> फ़ज़ाएँ चुप हैं कुछ ऐसी कि दर्द बोलता है बदन के शोर में किस को पुकारें क्या माँगें Share on: