हमारे घर के क़रीब एक झील होती थी By Sher << मरने के बअ'द कोई पशेम... सुब्ह तक वो भी न छोड़ी तू... >> हमारे घर के क़रीब एक झील होती थी और उस में शाम को सूरज नहाया करता था Share on: