हर बार नया ले के जो फ़ित्ना नहीं आया By Sher << ऐ याद-ए-दोस्त आज तू जी भर... दिन निकलना था कि सारे शहर... >> हर बार नया ले के जो फ़ित्ना नहीं आया इस उम्र में ऐसा कोई लम्हा नहीं आया Share on: