हम ऐसे बख़्त के मारे कि शहर में आ कर

By ahmar-nadeemNovember 10, 2024
हम ऐसे बख़्त के मारे कि शहर में आ कर
लिबास-ए-गर्दिश-ए-दौराँ भी तार तार किया
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