इन्क़िलाबात-ए-दहर की बुनियाद By न्याय, इंक़िलाब, Sher << यूँ ही हम दर्द अपना खो रह... जब चाहा इक़रार किया है जब... >> इन्क़िलाबात-ए-दहर की बुनियाद हक़ जो हक़दार तक नहीं पहुँचा Share on: