इंसान हो किसी भी सदी का कहीं का हो By Sher << ज़रा सी बात नहीं है किसी ... ता-क़यामत ज़िक्र से रौशन ... >> इंसान हो किसी भी सदी का कहीं का हो ये जब उठा ज़मीर की आवाज़ से उठा Share on: