मुद्दतों ब'अद मयस्सर हुआ माँ का आँचल By Sher << इस जलती धूप में ये घने सा... हाथ फिर बढ़ रहा है सू-ए-ज... >> मुद्दतों ब'अद मयस्सर हुआ माँ का आँचल मुद्दतों ब'अद हमें नींद सुहानी आई Share on: