इस बार मिरी रूह पे तलवार चली है By Sher << इश्क़ करने के बाद भी कुछ ... हम तिरे शहर से मिलते हैं ... >> इस बार मिरी रूह पे तलवार चली है इस बार सँभलने में ज़रा देर लगेगी Share on: