ज़ब्त-ए-जुनूँ से अंदाज़ों पर दर तो बंद नहीं होते
By akbar-ali-khan-arshi-zadahOctober 23, 2020
ज़ब्त-ए-जुनूँ से अंदाज़ों पर दर तो बंद नहीं होते
तू मुझ से बढ़ कर रुस्वा हो ये भी तो हो सकता है
तू मुझ से बढ़ कर रुस्वा हो ये भी तो हो सकता है
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