किसी ने मुझ से कह दिया था ज़िंदगी पे ग़ौर कर By Sher << अल्लाह अल्लाह ये फ़ज़ा-ए-... बदन को छोड़ ही जाना है रू... >> किसी ने मुझ से कह दिया था ज़िंदगी पे ग़ौर कर मैं शाख़ पर खिला हुआ गुलाब देखता रहा Share on: