कोह संगीन हक़ाएक़ था जहाँ By Sher << नहीं है ज़िंदगी तुझ से को... जो आग लगाई थी तुम ने उस क... >> कोह संगीन हक़ाएक़ था जहाँ हुस्न का ख़्वाब तराशा हम ने Share on: