कुछ हवा का भी हाथ था वर्ना By Sher << हमें दुनिया फ़क़त काग़ज़ ... उम्र फ़रियाद में बर्बाद ग... >> कुछ हवा का भी हाथ था वर्ना पर्दा यूँ ही हिला नहीं होता Share on: