क्या ख़बर मेरे ही सीने में पड़ी सोती हो By Sher << निगह-ए-नाज़ से इस चुस्त क... नर्सरी का दाख़िला भी सरसर... >> क्या ख़बर मेरे ही सीने में पड़ी सोती हो भागता फिरता हूँ जिस रोग-भरी रात से मैं Share on: