लोगों को अपनी फ़िक्र है लेकिन मुझे नदीम By Sher << अब तो जो शय है मिरी नज़रो... फ़ज़ाएँ चुप हैं कुछ ऐसी क... >> लोगों को अपनी फ़िक्र है लेकिन मुझे नदीम बज़्म-ए-हयात-ओ-नज़्म-ए-गुलिस्ताँ की फ़िक्र है Share on: