मैं भी रुक रुक के न मरता जो ज़बाँ के बदलेBy mirza-ghalibNovember 6, 2020मैं भी रुक रुक के न मरता जो ज़बाँ के बदलेदशना इक तेज़ सा होता मिरे ग़म-ख़्वार के पास13059 viewssher • Hindi01Share