मैं ना-मुराद दिल की तसल्ली को क्या करूँ By Sher << शैख़ उस की चश्म के गोशे स... मुझ से इरशाद ये होता है क... >> मैं ना-मुराद दिल की तसल्ली को क्या करूँ माना कि तेरे रुख़ से निगह कामयाब है Share on: