मैं ने इक शहर हमेशा के लिए छोड़ दिया By Sher << दीवार-ओ-दर पे ख़ून के छीं... न जाने कौन सी मंज़िल को च... >> मैं ने इक शहर हमेशा के लिए छोड़ दिया लेकिन उस शहर को आँखों में बसा लाया हूँ Share on: