मैं तेरे हदिया-ए-फुर्क़त पे कैसे नाज़ाँ हूँBy akash-arshMay 30, 2024मैं तेरे हदिया-ए-फुर्क़त पे कैसे नाज़ाँ हूँमिरी जबीं पे तिरा ज़ख़्म तक हसीन नहीं24682 viewssher • Hindi00Share