मिन्नत-ए-चारा-साज़ कौन करे By Sher << न गुल खिले हैं न उन से मि... मिरी जान आज का ग़म न कर क... >> मिन्नत-ए-चारा-साज़ कौन करे दर्द जब जाँ-नवाज़ हो जाए Share on: