बा'द मरने के ठिकाने लग गई मिट्टी मिरी By Sher << अश्कों में रंग-ओ-बू-ए-चमन... कहीं सदा-ए-जरस है न गर्द-... >> बा'द मरने के ठिकाने लग गई मिट्टी मिरी ख़ाक से आशिक़ की क्या क्या यार के साग़र बने Share on: