मुझ को ग़म का न कभी दर्द का एहसास रहा By Sher << तुम इस तरफ़ से गुज़र चुकी... आख़िर गिल अपनी सर्फ़-ए-दर... >> मुझ को ग़म का न कभी दर्द का एहसास रहा हर ख़ुशी पास थी जब तक तू मिरे पास रहा Share on: