मुझे भी अपना दिल-ए-रफ़्ता याद आता है By Sher << नुस्ख़ा-ए-मरहम-ए-इक्सीर ब... मिरे इस अव्वलीं अश्क-ए-मो... >> मुझे भी अपना दिल-ए-रफ़्ता याद आता है कभी कभी किसी बाज़ार से गुज़रते हुए Share on: