न किसी आह की आवाज़ न ज़ंजीर का शोर By Sher << ये ना-गुज़ीर है उम्मीद की... मिरे ही हर्फ़ दिखाते थे म... >> न किसी आह की आवाज़ न ज़ंजीर का शोर आज क्या हो गया ज़िंदाँ में कि ज़िंदाँ चुप है Share on: