नाव काग़ज़ की छोड़ दी मैं ने By Sher << मैं मुंतज़िर हूँ तेरी तमन... देहात के बसने वाले तो इख़... >> नाव काग़ज़ की छोड़ दी मैं ने अब समुंदर की ज़िम्मेदारी है Share on: