रखता है क़दम नाज़ से जिस दम तू ज़मीं परBy mushafi-ghulam-hamdaniNovember 10, 2020रखता है क़दम नाज़ से जिस दम तू ज़मीं परकहते हैं फ़रिश्ते तुझे जय अर्श-ए-बरीं पर74355 viewssher • Hindi05Share