रंग-ए-बदन से उस के ये होता जल्वा-गर By Sher << राँझा यही कहता था इधर देख... रक्खा है ठौर मुझ को कहरवे... >> रंग-ए-बदन से उस के ये होता जल्वा-गर एक तह-गुलाबी दी हुई है पैरहन के बीच Share on: