कोई ख़ुश-ज़ौक़ ही 'शाहिद' ये नुक्ता जान सकता है

By sarfaraz-shahidNovember 17, 2020
कोई ख़ुश-ज़ौक़ ही 'शाहिद' ये नुक्ता जान सकता है
कि मेरे शेर और नख़रे तुम्हारे एक जैसे हैं
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