सौ ग़म्ज़े के रखता है निगहबान पस-ओ-पेश By Sher << किस पे मरते हो आप पूछते ह... ज़रा सी देर को तुम अपनी आ... >> सौ ग़म्ज़े के रखता है निगहबान पस-ओ-पेश आता है अकेला पर अकेला नहीं आता Share on: