शाम-ए-अवध ने ज़ुल्फ़ में गूँधे नहीं हैं फूल By Sher << मैं ने माना एक गुहर हूँ फ... चख लिया उस ने प्यार थोड़ा... >> शाम-ए-अवध ने ज़ुल्फ़ में गूँधे नहीं हैं फूल तेरे बग़ैर सुब्ह-ए-बनारस उदास है Share on: