तमाम लाला ओ गुल के चराग़ रौशन हैं

By bilqis-zafirul-hasanOctober 28, 2020
तमाम लाला ओ गुल के चराग़ रौशन हैं
शजर शजर पे शगूफ़ों में जल रही है हवा
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