तारीफ़ तेरे हुस्न की आती है ग़ैब से By हुस्न, Sher << घर की तक़्सीम वसिय्यत के ... रौशनी उन दिनों की बात है ... >> तारीफ़ तेरे हुस्न की आती है ग़ैब से मेरे क़लम के साथ तो यकसर नहीं हूँ मैं Share on: