तुम क्यों उदास हो गए मैदान-ए-हश्र में

By abr-ahsani-ganauriNovember 16, 2024
तुम क्यों उदास हो गए मैदान-ए-हश्र में
कह दो तो दिल की दिल में मिरी दास्ताँ रहे
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