उस ने आँचल से निकाली मिरी गुम-गश्ता बयाज़ By Sher << हम-नशीं देखी नहूसत दास्ता... ख़ुदा से लोग भी ख़ाइफ़ कभ... >> उस ने आँचल से निकाली मिरी गुम-गश्ता बयाज़ और चुपके से मोहब्बत का वरक़ मोड़ दिया Share on: