उसे गुमाँ है कि मेरी उड़ान कुछ कम है By Sher << बे-अब्र रिंद पीते नहीं वा... हज़ार ढूँडिए उस का निशाँ ... >> उसे गुमाँ है कि मेरी उड़ान कुछ कम है मुझे यक़ीं है कि ये आसमान कुछ कम है Share on: