उसी हूर की रंगत उड़ी रोने से हमारे By Sher << ज़ाहिद उमीद-ए-रहमत-ए-हक़ ... सर झुकाओगे तो पत्थर देवता... >> उसी हूर की रंगत उड़ी रोने से हमारे रंग-ए-गुल-ए-फ़िरदौस भी कच्चा नज़र आया Share on: