उसी तरफ़ है ज़माना भी आज महव-ए-सफ़र By Sher << ख़ुद को तो 'नदीम'... दर्द में लज़्ज़त बहुत अश्... >> उसी तरफ़ है ज़माना भी आज महव-ए-सफ़र 'फ़राग़' मैं ने जिधर से गुज़रना चाहा था Share on: