उठ कर चले गए तो कभी फिर न आएँगे By Sher << हज़ार रस्ते तिरे हिज्र के... वो इक लम्हा मोहब्बत का जब... >> उठ कर चले गए तो कभी फिर न आएँगे फिर लाख तुम बुलाओ सदाएँ दिया करो Share on: