वहशत का ये आलम कि पस-ए-चाक गरेबाँ By Sher << आईना रू-ब-रू रख और अपनी छ... किसी के जौर-ओ-सितम का तो ... >> वहशत का ये आलम कि पस-ए-चाक गरेबाँ रंजिश है बहारों से उलझते हैं ख़िज़ाँ से Share on: