वहशत-ए-दिल ने किया है वो बयाबाँ पैदा By Sher << यार को मैं ने मुझे यार ने... वही पस्ती ओ बुलंदी है ज़म... >> वहशत-ए-दिल ने किया है वो बयाबाँ पैदा सैकड़ों कोस नहीं सूरत-ए-इंसाँ पैदा Share on: