वो रिंद हूँ कि मुझे हथकड़ी से बैअत है By Sher << याद दिलवाइए उन को जो कभी ... वो एक रात तो मुझ से अलग न... >> वो रिंद हूँ कि मुझे हथकड़ी से बैअत है मिला है गेसू-ए-जानाँ से सिलसिला दिल का Share on: