ये एक साया ग़नीमत है रोक लो वर्ना By Sher << एक दिन उस की निगाहों से भ... क्या हमारी नमाज़ क्या रोज... >> ये एक साया ग़नीमत है रोक लो वर्ना ये रौशनी के बदन से लिपटने वाला है Share on: