ये ख़ामोश मिज़ाजी तुम्हे जीने नहीं देगी By Sher << ये साल भी उदासियाँ दे कर ... ये कह के दिया उस ने दर्द-... >> ये ख़ामोश मिज़ाजी तुम्हे जीने नहीं देगी इस दौर में जीना है तो कोहराम मचा दो Share on: