दीदार की तलब हो तो नजरें जमाये रखना Admin जमाना शायरी, अन्य << जरुरत तोड देती है इन्सान ... तुझको देखेंगे सितारे तो स... >> दीदार की तलब हो तो नजरें जमाये रखना ..क्यों कि नकाब हो या ‘नसीब’ सरकता जरूर है. Share on: