फूल कभी दोबारा नहीं खिलते Admin बाप बेटी शायरी, अन्य << तेरा हुआ ज़िक्र तो हम अगर कुछ सीखना ही है >> फूल कभी दोबारा नहीं खिलतेजन्म कभी दोबारा नहीं मिलतेमिलते है लोग हजारों पर हजारों गलतियां माफ़ करने वालेमाँ बाप दोबारा नहीं मिलते। Share on: