मेरी खामोशियों में भी फसाना ढूंढ लेती हैबड़ी शातिर है ये दुनिया बहाना ढूंढ लेती हैहकीकत जिद किए बैठी है चकनाचूर करने कोमगर हर आंख फिर सपना सुहाना ढूंढ लेती हैन चिडि़या की कमाई है न कारोबार है कोईवो केवल हौसले से आबोदाना ढूंढ लेती हैसमझ पाई न दुनिया मस्लहत मंसूर की अब तकजो सूली पर भी हंसना मुस्कुराना ढूंढ लेती हैउठाती है जो खतरा हर कदम पर डूब जाने कावही कोशिश समन्दर में खजाना ढूंढ लेती हैजुनूं मंजिल का, राहों में बचाता है भटकने सेमेरी दीवानगी अपना ठिकाना ढूंढ लेती है