सफ़र तुम्हारे साथ बहुत छोटा था मगर यादगार हो गये तुम अब ज़िंदगी भर के Admin यादगार शायरी इन हिंदी, अन्य << आज सोचा जिंन्दा हुँ तो घू... आदमी ही आदमी का रास्ता का... >> सफ़र तुम्हारे साथ बहुत छोटा था मगर यादगार हो गये तुम अब ज़िंदगी भर के लिए... Share on: