आँधियों से न बुझूं ऐसा उजाला हो जाऊँ Admin ख्वाजा गरीब नवाज शायरी, आध्यात्मिक << हम और हमारे ईश्वर दोनों ए... दिल कभी ना लगाना दुनिया स... >> आँधियों से न बुझूं ऐसा उजाला हो जाऊँतू नवाज़े तो जुगनू से सितारा हो जाऊँएक बून्द हूँ मुझे ऐसी फितरत दे मेरे मालिककोई प्यासा दिखे तो दरिया हो जाऊँ। Share on: